Yug Purush

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The Devil, The Angel and I... भाग -1

The Devil, The Angel and I...

Life After Death


उसने  शराब की  बोतल फोडी  और बोतल का  एक टुकड़ा लेकर मेरी गर्दन काटने  लगा,  मै इस वक्त अधमरा सा जमीन पर पडा हुआ था और मेरी साँसे थम रही थी  ।मुझे ये तो मालूम  था  कि मै मरने  के बाद नरक मे ही जाऊंगा  पर मुझे नरक ले जाने वले यमदूत डॉक्टर  के भेश मे होंगे,  ये मुझे नही मालूम था l इस समय मेरे सामने  एक आदमी था,  जो डॉक्टर  के भेश मे मुझे बार्-बार कुछ कह रहा था.  वहा दो लेडी  दूत भी थी, जो मुझे उठाने कि कोशिश कर रही थी  ।एक मेरे लेफ्ट साइड मे थी तो  दुसरी मेरे राइट साइड मे और वो दोनो मुझे अपनी - अपनी साइड से उठाने की  कोशिश कर रहे  थे  । मैने उन्हे मना किय कि वो ऐसा ना करे, मै खुद उठ  सकता हु, लेकिन वो दोनो नही मानी और मुझे जबरन उठाने लगी  ।

“fuk off bitches, i can handle myself...."

बोलते  हुए मैने उन दोनो लेडी युमदूतो को खुद से दूर किया  और उठकर  बैठा । कहने को तो मेरे पीठ  की  कई  हड्डिया टूट चुकी थी , लेकिन मै अब भी आराम से बैठ सकता था , वो भी बिना किसी दर्द के । मेरे गर्दन से लेकर नीचे कमर तक प्लास्टर  बन्धा हुआ था l लेकिन मेरे अन्दर दर्द का कोई नामो -निशान तक नही था । बेड पर बैठने  के बाद मैने अपने दोनो पैरो कि तरफ देखा तो पाया कि  मेरे बायें  पैर का toe गायब है और वहा पर भी प्लास्टर चढ़ा हुआ था. पर क्यूंकि अब मैं अपना मानव शरीर छोड़ने वाला था,  इसलिए  मुझे इन सबकी  परवाह करने की कोई जरूरत नही थी ।


मैने इधर्-उधर अपनी  गर्दन घुमायी तो मुझे अहसास हुआ की  मेरे गर्दन को भी  इन लोगो ने किसी चीज  से बान्ध रखा है । जब मै कुछ देर तक यूँ  ही शांत बैठा रहा तो मेन यमदूत  ने यानि मुख्य यमदूत  ने जो की डॉक्टर के रूप मे था उसने, उन दोनो लेडी यमुदूतो   को कुछ इशारा किया, जिसके  बाद वो दोनो एक बार फिर से मुझे बिस्तर से उठाने की कोशिश करने  लगी और अबकी  बार मै शांत ही रहा ।

“we're going to hell ?? ” व्हील -चेयर  पर बैठ कर मैने एक लेडी यमदूत  से पुछा  जो मेरे व्हील -चेयर को धक्का  दे रही थी l

“yes… please cooperate ...”

“जानेमन, तुम एकदम टनाका माल हो, मेरे साथ नरक मे चलोगी? …I’m a millionaire”

“नरक मे तुम्हारे पैसे किसी काम के नहीं …”

“क्या मै मर चुका हु ?”अपनी गर्दन पीछे घुमाते हुए मैने पूछा पर मै अपनी गर्दन को ठीक से पीछे घुमा नहीं पाया ल

“अभी तो नहीं पर, जल्द ही मरने वले हो. यही कुछ मिनट मे.”मेरी टेढ़ी हो चुकी गर्दन को सीधा करते हुए वो बोली.

“can you please remove this”अपने गर्दन मे बंधे अजीबो गरीब चीज की तरफ इशारा करते हुए मैने कहा  “I want to remove my neck, I mean.. rotate… I want to rotate my neck.…”


“ क्या तुम अपने जख्म सबको दिखाना चाहते हो? "

“I think , I can walk without my left toe..”

“ofcourse you can, but it’ll take some time”मेरा सर सहलाते हुए वो लेडी यमदूत  बोली, जिससे मुझे लगा की वो अब मुझसे पट  गयी है...

मुझे लगा कि वो लेडी यमदूत मेरे पैसे और मेरे चार्म पे फ्लैट हो गई और नरक मे मेरे साथ सम्भोग करने के लिए मान जायेगी. मेरा सर अब भारी होने लगा था , मेरी आँखे बोझिल हो अपने आप बंद होने लगी थी, शायद मेरी आत्मा अब मेरा शरीर छोड़ रही थी.


“मेरे दिल की धड़कने रुक चुकी है, मुझे ऐसा लग रहा है जैसे की मुझे जलाया जा रहा हो. क्या मै मर रहा हु....”

“फ़िक्र मत करिये, सर... it'll only take few seconds to reach.....................…”


ये उस लेडी यमुदूत  के आखिरी शब्द  थे जो मै सुन पाया था, उसके  बाद मेरे साथ क्या हुआ,  मुझे कुछ  याद नही और जब मेरी आँख  खुली तो मै नरक मे था  । नरक मे मुझे तीन रूम का एक फ्लैट  अलॉट हुआ था , पर मै यहा अकेला  नही था.  मेरे साथ  और भी  दो लोग थे । जिसमे  से एक तन्दूरी चिकन  की  तरह उपर से लेकर नीचे  तक जला हुआ था,, वो दिखने  मे बहुत ज्यादा  ही भद्दा , बद्सुरत और भयानक था,  इसलिए  मै उसे डेविल~Devil  कहता  था ।डेविल मेरे सामने वाले रूम मे रहता था और मै उसे जितनी  बार देखता  मुझे उतनी  बार उल्टी करने कर मन करता था। उसे देखकर मेरा मन करता की  मै अपनी आँखे फोड़ लू या उसके  उपर उल्टी  कर दु, लेकिन मरने का  एक नुक्सान है कि ना  तो मै उसपर उल्टी कर सकता हु  और ना ही अपनी आँखे फोड़ सकता हुँ । मै चाहे  जो भी  करु, अपने आपको कितना भी नुकसान पंहुचाऊ  मै वैसा का वैसा ही रहता हुँ  । शुरु मे तो मै उस्-से दूर ही रहता था, लेकिन फिर साथ  मे रह्ते-रह्ते मै उस्-से बात करने लगा था, वो अक्सर मुझे बताया करता था  कि मै कैसा दीखता  हू l



Devil के अनुसार मेरा नीचे वाला होंठ कटा हुआ था और मेरे नीचे वाले होंठ से लेकर मेरे ठुड्डी (chin ) तक की चमड़ी उखड़ी हुई थी. ऐसा ही कुछ हाल मेरे सर कर भी था. उस तन्दूरी बुड्ढे  ने मुझे बताया की  मेरे माथे मे किसी धारधार चीज  से कटने  के बहुत गहरे निशान  है और कई जगह पर ये निशान इतने गहरे  है कि मेरी हड्डिया भी  उसे दिखायी देती है । मुझे उस्-से घिन थी और उसे मुझसे … पर क्यूंकि हम कही जा नही सकते थे इसलिए हमारे  पास आपस मे एक्-दुसरे से बात करने  के आलवा कोई  और चारा  नही था ।हुम दोनो एक्-दुसरे से अक्सर ये पूछा करते की कि हम  कैसे दिख्ते है, क्यूंकि आइने मे हमारा कोई प्रतिबिम्ब नही बनता था,  इसलिए हम खुद को आइने मे देख नही सकते  थे । ये मरने का  दुसरा नुकसान था ।


उस फ्लैट के तीसरे और सबसे आखिरी कमरे  मे एक और शक्स रहता था , जो अक्सर अपना दरवाजा बन्द करके  दिनभर  और रातभर रोते रहता था  ।वो कैसा  दिखता  था , उसकी हाइट क्या है, उसके शरीर  के कितने  चिथड़े  उड़े है ये मै अबतक नही देख पाया  था  । मै हमेशा  उसके दरवाजे पर जाकर  उसे गालिया  दिया करता था, इस उम्मीद  मे कि एक दिन वो गुस्से से अपना दरवाजा खोलेगा. लेकिन उसने  अपना दरवाजा  कभी नही खोला और ना  ही उसने  मुझे कभी कुछ  कहा । उल्टा मेरी गलिया  सुनकर  वो और जोर्-जोर से रोने लगता था ।


मुझे पता नही कि इस फ्लैट मे मै कितने दिन , कितने महीने या फिर कितने साल से था l मुझे समय  का कोई अंदाजा नही था और ना ही मेरे रूम के सामने रहने वाले  उस पूरी तरह जले हुए शख्स को । जिसे मै डेविल कहता था l  हम दोनो एक्-दुसरे से बेइंतहा नफ़रत करते थे पर हर रोज एक्-दुसरे से बात भी करते थे । हमने आपस मे इतनी  बाते कर ली थी  कि अब हुम उन्ही बातो को दोहराने लगे थे । वो तन्दूरी बुड्ढा  खुद को बहुत बड़ा physicist यानि भौतिक विज्ञानी कहता था और अकसर हमारे समय मे पृथ्वी परबनी फिल्मों  के उदाहरण  दे-दे कर मुझे physics के कई चीज़ो को एक्स्प्लैन किया करता था l पर आजमेरे पास बात करने के लिये एक नया टॉपिक था l  जिसके  बारे मे हमने इतने दिनो, इतने महीनों या फिर इतने सालो मे कभी बात नही की थी  । मैन उसके रूम के अन्दर गया तो देखा कि उसके पुरे जले हुए शरीर से कोई चिपचिपा तरल पदार्थ  निकल रहा था और वो उस तरल पदार्थ को अपनी उंगली से पहले पोछ्ता और फिर अपनी उंगली  मुह मे डाल  कर चूसने लगता l



“मुझे लगता है कि, उस तीसरे कमरे  मे कोई आदमी  नही बल्कि  एक औरत है…”उसके  रूम मे उससे थोडा दूर बैठकर मैने कहा...

“पर तुमने तो पहले कहा था कि वो एक आदमी है…”

“वही तो… लेकिन आज मैने उसकी  आवज गौर से सुनी तब मुझे पता चला कि वो आदमी नही बल्की एक औरत है…”
“पर पहले तो तुमने  कुछ और कहा था ”

“कान के अन्धे,बहरा  तु है… मै नही । मै बिना लिप रीडिंग  के भी  सब कुछ  सुन सकता हुँ …”

“फिर तो तुम्हे उस्-से बात करनी चाहिए , शायद वो कोईं  खूबसूरत औरत हो”अपने  हाथ से निकलते  चिपचिपे लिक्विड  को चूसते  हुए वो बोला

“यदि  तुझे इतनई  ही भूख लगी है तो खाने वाली चीज़े क्यों  नही खाता …”खिसियाकार मैने कहा

“मरने का तीसरा नुकसान कि आपको  भूख्-प्यास नही लगती । तुम्हे क्या लगता है कि मैने कभी कोशिश  नही किया, बाहर  रखे उन फलो  को खने की … ? मै चाहे कितनई भी  कोशिश कर लू, उन फलो को कितना भी  चबा लू, वो फल गले के नीचे जाते ही नही और ना ही मेरे हथ से निकलता ये चिपचिपा लिक्विड ”वही बगल मे थूक कर devil  ने कहा “मै तो बस अपने शरीर  को साफ रखने  कि कोशिश कर रहा हुँ "

“ओके....”

“मुझे तुम अपने  बारे मे बताओ कि तुम कौन हो, क्या करते  थे और यहा कैसे पहुचे…”

“मै एक रहीस बाप क रहीस बेटा था , मैने अपनी जिन्दगी मे ऐसा  एक भी काम नही किया जिसके बारे मे मै तुम्हे गर्व से बता सकूँ …मै ड्रग्स के नशे मे इतना खो गया था  कि मेरे पिताजी के मरने  के एक हफ्ते बाद मुझे पता चला कि वो अब इस दुनिया  मे नही रहे । उनकी  मौत के बाद उनकी  कंपनी की बागडोर  मेरे हाथ मे आ गयी और मैने कंपनी डुबो दी । मै ड्रग्स के नशे मे इतना लीन हो गया था कि मुझे सिवाय ड्रग्स  के कुछ भी अच्छा नही लगता था । ड्रग्स के पीछे मैने अपनी आधे  से अधिक प्रॉपर्टी  बेच दी । इस्के बाद मै खुद ड्रग्स की तस्करी करने के धंधे मे आ गया , जिससे मेरे कई  दुश्मन भी  बने और फिर एक बार उन लोगो ने  मुझे घेरकर बहुत मारा । मरते दम  तक मारा ।इसी का  नतीजा है कि मै यहा हुँ । यदि मुझे कभी दुबारा इन्सान का  जन्म  मिलेगा  तो मै वो नही करूँगा  जो मैने इस जनम मे किया "


“तुम्हे पता है कि हम कहा है… ?"

“नर्क मे”

“एक्साक्ट्ली...और यहा पछताने से कोई फायदा नहीं ”

“ये हमे बन्द करके क्यों  रखे हुए है, हमारा हिसाब किताब करके  हमे दुसरा जन्म क्यों नही दे देते…”

“नरक मे आने वाले लोगो की संख्या  बहुत ज्यादा है और हमसे पहले  उन लोगो को सजा दी  जायेगी जो यहा हमसे  पहले  आये है… पर पहले ऐसा नही था  । पहले  लोग स्वर्ग मे भी जाते थे, पर जब से नरक का डायरेक्टर चेंज हुआ है, उसने स्कीम बदल दी  है,  अब बहुत कम लोग ही ऐसे है, जो स्वर्ग जाते है जिसके  कारण नरक मे भीड बहुत ज्यादा है, इसीलिए  हमारा नम्बर अभी तक नही आया …”

“यहा इतनी  गर्मी क्यों  है…”

“आग के समुन्दर की  वजह से । तुम तो यहा बेहोश आये थे…लेकिन मुझे जब यहाँ  लाया  गया तो मै होश मे था … हम जिस घर मे रह रहे है वो आग के एक  दरिया पर तैर रहा है, इसीलिये तुम्हे इतनी  गरमी महसुस हो रही है…पर क्यूंकि  तुम मर चुके हो इसलिए  तुम्हारे शरीर  मे पसीने क नामोनिशान तक नही है”

“तुम क्या  करते  थे…?”

“मै एक भौतिक वैज्ञानिक था, पर मुझे जलने वाले लोग मुझे पागल कहते थे ।"

“और वो क्यु ? "

“क्यूंकि  उनसे  मैने एक बार कहा था कि हमारी  गैलेक्सी एक ब्लैक होल के अन्दर है…you know , what  is a black hole ?”

“यदि  तु इतना  ही बडा ज्ञानी  है तो फिर तु नर्क मे क्या  कर रहा  है, तुझे तो स्वर्ग मे होना चहिये था ”

“ज्ञानी से लेकर मुर्ख तक और दानी से लेकर भिखारी तक... सबको  नरक भोगना पड़ सकता है । ज्ञान  आपको  स्वर्ग नही दिलाता ,ये तो हमारे  कर्मो पर निर्भर करता है”

उसका  एक्-एक लफ्ज जो वो बोल चुका था , जो वो बोल रहा था  और जो वो बोलने  वाला था वो सब मैपहले  से जानता था, क्यूंकि  ये बातचीत  हम  कई बार कर चुके थे, पर तभी मुझे एक ऐसी आवाज सुनायी दी, जो मैने वहा पहले  कभी नही सुनी थी ।

“क्या तुमने वो आवज सुनी … ? ”चौक-कर उसकी  तरफ देखते  हुए मैने पुछा

“मै बहरा हु ।मुझे कोई  आवज सुनायी नही दे सकती ”

“मेरे ख्याल से किसी ने बाहर का गेट  खोला है…? "

यूँ तो मै बहुत घबरा रहा था , पर क्यूंकि मेरा  दिल अब शान्त था, इसलिए मै भी  शान्त था । मै कई  चीज़े महसूस तो कर सकता था  पर उसके अनुसार कोई एक्शन  नही ले सकता था  ।मै और वो जला हुआ  बुढऊ  उसके रूम से बाहर आये तो देखा की  मुख्य दरवाजे के अन्दर दो आदमी  थे ।पर जल्द ही उन दोनो को किनारे करके एक तीसरा आदमी सामने आया  । उसके हाथ  मे एक बहुत बडा  पेपर था  ।पर गौर करने वाली  जो बात थी वो ये कि उसका और उसके साथ आये उसके दो असिस्टेंट का शरीर  किसी ज़िंदा  इन्सान कि तरह पुरा सही सलामत  था ।

“लोकेश खुटे , आप कभी समझदार और ज्ञानी  मालूम होते है । इसलिए आपको हमारा ऑफर है  कि क्या आप हमारे साथ  अनन्त काल तक काम करेंगे ?…”जिसके  हाथ  मे पेपर था उसने मेरे बगल मे खड़े Devil  से पुछा  ।

“कौन जलना चाहेगा, अनन्त काल तक इस नर्क मे… ।इस आग मे । मुझे ये ऑफर स्वीकार  नही है”

“ठीक है फिर । असिस्टेंट्स,  इसे नीचे  फेक दो, आग के दरिया मे ”उसने ऐसा कहा और उसके ऐसा बोलते ही उसके हाथ मेरखा पेपर अपने  आप जलने  लगा । जिसके  बाद उसके सथ आये दो आदमियों  ने डेविल को यानी  कि लोकेश खुटे  को पकडा  और गेट खोलकर नीचे  फेक दिया ।

“आप चन्द्रगुप्त हो ना   ? " उसके  हाथ मे जलटे हुए कागज को देखकर मैने पुछा

“चन्द्रगुप्त नहीं,  चित्रगुप्त…😠”

“हाँ वही । मैने सोचा था  कि आप मोर पन्ख से लिखते होंगे, पर आप तो इन्क पेन से लिखते है । खैर छोड़िये और ये बताइये  की मेरे लिए क्या ऑफर है ? "

“तुम्हारा समय अभी नही आया …”


To Be Continued..........


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1. 8TH SEMESTER !

2. SAMUNDAR KA SHIKARI

   8
3 Comments

🤫

18-Aug-2021 02:13 AM

हाहाहा, हास्य स्टोरी बहुत खूब क्या बात है.....

Reply

Seema Priyadarshini sahay

17-Aug-2021 05:32 AM

सुंदर

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Adeeba Riyaz

17-Aug-2021 03:26 AM

Acha hai

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